रिश्तों की अजनबीयत... रिश्तों की अजनबीयत...
अवसरों को टोहता अपनापन... अवसरों को टोहता अपनापन...
तभी अचानक कानों में पड़ा सुनाई लड़के कभी रोते नहीं जीवन के संग्राम में कभी कमजोर होत तभी अचानक कानों में पड़ा सुनाई लड़के कभी रोते नहीं जीवन के संग्राम में ...
सड़क गवाह थी सारे हादसों की पर वो कुछ नहीं बोली , वो चाह कर भी कुछ नहीं बोल सकती थी... उ... सड़क गवाह थी सारे हादसों की पर वो कुछ नहीं बोली , वो चाह कर भी कुछ नहीं ...
गवाह है मेरी प्यास अभी हमारा मिलन भी तो होना है ! गवाह है मेरी प्यास अभी हमारा मिलन भी तो होना है !
इबादत में तेरे मैं, ज़मीर-ए-मशगूल लगाकर बैठा हूं। इबादत में तेरे मैं, ज़मीर-ए-मशगूल लगाकर बैठा हूं।